राष्ट्रीय किसान दिवस पर शहीद स्मारक समिति और झारखण्ड जन तांत्रिक महासभा ने सरकार के विरुद्ध किया विरोध प्रदर्शन
किसानों को पहले टाटा बिड़ला ठगते थे आज अडानी अम्बानी जैसे पूंजीपति ठगने में लगे है : महासभा
जमशेदपुर, 23 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर किसान आंदोलन के समर्थन में और आंदोलन के दैरान शहीद हुए किसानों को हूल जोहार करने के लिए शहीद स्मारक समिति, झारखंड जनतांत्रिक महासभा और विभिन्न सामाजिक राजनीतिक संगठनों के द्वारा बारीडीह गोलचक्कर जमशेदपुर में श्रद्धांजलि सह धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में सबसे पहले किसान आंदोलन के दौरान मृत्यु हुए सभी किसानों को श्रद्धांजलि देने दो मिनट का मौन रखा.
वक्ताओं ने कहा कि ज्ञात ही है कि 27 दिनों से दिल्ली की सीमा पर किसानों का धरना जारी है. केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आन्दोलन जारी है - उनकी माँग है कि इन किसान विरोधी कानूनों को रद्द किया जाए, जिनपर वास्तविक किसान संगठनों से पहले कोई बात नहीं की गई, और संसद (ख़ासकर राज्यसभा) में विवादास्पद ढंग से पारित कर लिए गए; वे दरअसल कार्पोरेट घरानों की कम्पनियों के हित साधने और उन्हें लाभ पहुँचाने के मकसद से ही केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए हैं.
किसान आन्दोलन को संचालित करनेवाले तमाम किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने 21 दिसम्बर से 24 घण्टे के रिले क्रमिक अनशन की शुरुआत की है। इसी सिलसिले में संयुक्त मोर्चे की संचालन समिति ने 'राष्ट्रीय किसान दिवस' के मौके पर आगामी 23 दिसम्बर को देशवासियों से एक वक़्त का भोजन छोड़कर किसान आन्दोलन के साथ एकजुटता जताने की अपील की है !
शहीद स्मारक समिति और झारखंड जनतांत्रिक महासभा किसान आन्दोलन की वाजिब माँगों को केन्द्र सरकार द्वारा नज़रंदाज़ करने की असम्वेनशील हठधर्मिता, और उसे अपने झूठे दुष्प्रचार के साथ बदनाम करने की जनविरोधी नीयत की तीखी भर्त्सना करती है।
महासभा ने आरोप लगाया कि किसानों को पहले टाटा बिड़ला और आज के जमाने मे अडानी अम्बानी जैसे पूंजीपति समूह के लोग सरकार के साथ साथ गांठ कर किसानों को ठगने में लगे है. लेकिन देश के किसान अब जाग चुका है.
मौके पर गीता सुंडी, राजकिशोर महतो, कृष्णा लोहार, गणेश राय, बाबू नाग, बिश्वनाथ, विद्दुत लोहार, दीपक रंजीत, छोटू कुमार, अमित कर्मकार, रंजीत कुमार, खगेन कुम्हार, अरुण कुमार, बाल किशोर यादव, गणेश राम, प्रह्लाद लोहार आदि लोग उपस्थित थे.
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