उमर खालिद और शरजील इमाम के अलावा फैजान का नाम भी चार्जशीट में शामिल है.
दिल्ली पुलिस की ओर से कड़कड़डूमा कोर्ट में तकरीबन 930 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है. 930 पेज की चार्जशीट में 197 पेज चार्जशीट है तो 733 पेज में दस्तावेज हैं. उमर खालिद और शरजील इमाम के अलावा फैजान का नाम भी चार्जशीट में शामिल है.
दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा की साजिश के आरोप में JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने रविवार को आतंकरोधी कानून अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत चार्जशीट दाखिल की है.
दिल्ली पुलिस की ओर से कड़कड़डूमा कोर्ट में तकरीबन 930 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है. 930 पेज की चार्जशीट में 197 पेज चार्जशीट है तो 733 पेज में दस्तावेज हैं. उमर खालिद और शरजील इमाम के अलावा फैजान का नाम भी चार्जशीट में शामिल है.
चार्जशीट फैजान खान के खिलाफ भी की गई है जिस पर हिंसा में शामिल लोगों को फर्जी सिम कार्ड दिलवाने का आरोप है. आईपीसी की धारा 13/16/17/18 UAP act, 120B, 109, 114,201, 124A, 147,148,149, 153A, 186, 420 समेत कई गंभीर धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है. इस केस की एफआईआर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दर्ज की थी जिसकी जांच स्पेशल सेल ने की.
इससे पहले दिल्ली हिंसा केस में उमर खालिद और अन्य के खिलाफ केस चलाने के लिए दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय ने स्वीकृति दी थी. उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने हिंसा के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था. कानून के अनुसार, यूएपीए के तहत किसी व्यक्ति पर केस चलाने से पहले गृह मंत्रालय से मंजूरी लेना आवश्यक है. दिल्ली पुलिस को यह अनुमति कुछ दिन पहले ही मिली थी.
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को 14 सितंबर को दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था. कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ाई थी. दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी न्यायिक हिरासत 30 दिन और बढ़ाने की अर्जी लगाई गई थी. लेकिन कोर्ट ने सोमवार तक 3 दिन के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ाई है.
खालिद की ओर से यह आरोप लगाया जा चुका है कि उसे न्यायिक हिरासत के दौरान अपने सेल से बाहर निकलने या किसी से मिलने नहीं दिया जाता. मामले पर आगे 23 नवंबर को सुनवाई होनी है.
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद पर 6 मार्च को एक एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में भी उमर खालिद पर संगीन इल्जाम लगे हैं. इसमें लोगों को जमा करना, दंगे भड़काना, दंगों की पूर्व नियोजित साजिश रचना, भड़काऊ भाषण देना और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के दौरान लोगों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उकसाना शामिल है.
Comments
Post a Comment