जमशेदपुर में सरना कोड लागू करने का फिर से उठा एक बार माँग, झारखंडी समाज ने कहा सरना कोड नही तो जनगणना नहीआज दिनांक 20/09/2020 को झारखंडी समाज की ओर से आदिवासी धर्म कोड के माँग पर एग्रिको फुटबाल मैदान से लेकर बिरसा चौक, साकची गोलचक्कर तक पदयात्रा निकाला गया.
भारतीय संविधान में देश के आदिवासियों का अनुसूचित जनजातियों की सूची में रखा गया है. इस सूची के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की पहचान सुरक्षा एवं अधिकारों की गारंटी के लिए संविधान के मौलिक अधिकारों की धाराओं 25, 29 एवं 342 में वर्णित है.
आदिवासी कोड झारखंड राज्य में विभिन्न आदिवासी समुदाय में निवास करते हैं उनका अस्तित्व उनकी पहचान भाषा संस्कृति प्रथा परंपरा धार्मिक सामाजिक एवं रीति रिवाजों की सुरक्षा तथा गारंटी के लिए आदिवासी कोड झारखंड विधानसभा में चालू सत्र में पास करा कर केंद्र सरकार को भेजने की माँग करते हैं.
आज के कार्यक्रम में मुख्यरूप से कार्तिक मुखी, संजीव यादव, अनूप रविदास, भोला रविदास, सुमन मुखी, बलराम कर्मकार, राजू कर्मकार, गीता सुंडी, दिनकर कच्छप, सूरा गागराई, विकास कुमार रविदास, बाबू नाग, दीपक रंजीत अजित तिर्की मुख्यरूप से उपस्थित थे.
आज दिनांक 20/09/2020 को झारखंडी समाज की ओर से आदिवासी धर्म कोड के माँग पर एग्रिको फुटबाल मैदान से लेकर बिरसा चौक, साकची गोलचक्कर तक पदयात्रा निकाला गया.
भारतीय संविधान में देश के आदिवासियों का अनुसूचित जनजातियों की सूची में रखा गया है. इस सूची के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की पहचान सुरक्षा एवं अधिकारों की गारंटी के लिए संविधान के मौलिक अधिकारों की धाराओं 25, 29 एवं 342 में वर्णित है.
आदिवासी कोड झारखंड राज्य में विभिन्न आदिवासी समुदाय में निवास करते हैं उनका अस्तित्व उनकी पहचान भाषा संस्कृति प्रथा परंपरा धार्मिक सामाजिक एवं रीति रिवाजों की सुरक्षा तथा गारंटी के लिए आदिवासी कोड झारखंड विधानसभा में चालू सत्र में पास करा कर केंद्र सरकार को भेजने की माँग करते हैं.
आज के कार्यक्रम में मुख्यरूप से कार्तिक मुखी, संजीव यादव, अनूप रविदास, भोला रविदास, सुमन मुखी, बलराम कर्मकार, राजू कर्मकार, गीता सुंडी, दिनकर कच्छप, सूरा गागराई, विकास कुमार रविदास, बाबू नाग, दीपक रंजीत अजित तिर्की मुख्यरूप से उपस्थित थे.
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